1. धुरी या तकले (शाफ्ट) के उस भाग को, जो बेयरिंग पर रखा जाता है, जर्नल ( 2. धुरी या तकले (शाफ्ट) के उस भाग को, जो बेयरिंग पर रखा जाता है, जर्नल (journal) कहा जाता है। 3. के नीचे लोहे की कोई लाग लगाकर ही कॉटर ठोंकना चाहिए, अन्यथा क्रैंक धुरी या बॉल बेयरिंग पर झटका पहुँचेगा। 4. यदि मुख्य बेयरिंग पर भार है तो धारुकों के ऊपरी भाग द्वारा तेल देने से भी काम चल जाता है। 5. यदि मुख्य बेयरिंग पर भार है तो धारुकों के ऊपरी भाग द्वारा तेल देने से भी काम चल जाता है। 6. यदि मुख्य बेयरिंग पर भार है तो धारुकों के ऊपरी भाग द्वारा तेल देने से भी काम चल जाता है। 7. क्रैंक के वक्ष (boss) के नीचे लोहे की कोई लाग लगाकर ही कॉटर ठोंकना चाहिए, अन्यथा क्रैंक धुरी या बॉल बेयरिंग पर झटका पहुँचेगा। 8. धुरी या तकले (शाफ्ट) के उस भाग को, जो बेयरिंग पर रखा जाता है, जर्नल (journal) कहा जाता है। 9. क्रैंक के वक्ष (boss) के नीचे लोहे की कोई लाग लगाकर ही कॉटर ठोंकना चाहिए, अन्यथा क्रैंक धुरी या बॉल बेयरिंग पर झटका पहुँचेगा.